08-07-18

08-07-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 19-12-83 मधुबन परमात्म प्यार – नि:स्वार्थ प्यार आज स्नेह के सागर बाप अपने स्नेही बच्चों को देख रहे हैं। स्नेही सब बच्चे हैं फिर भी नम्बरवार हैं। एक हैं स्नेह करने वाले। दूसरे हैं स्नेह निभाने वाले। तीसरे हैं सदा स्नेह स्वरूप बन स्नेह के सागर में समाए हुए, … Continue reading 08-07-18